माता वैष्णो देवी यात्रा कैसे करे: Vaishno devi Yatra
माता वैष्णो देवी, यह माता दुर्गा के एक रूप हैं, जो की त्रिकूट पर्वत पर है। पर्वत के ऊपर 1 पवित्र गुफा है जिसमे माता माता वैष्णो देवी की पूजा की जाती है।
माता वैष्णो देवी मंदिर त्रिकूट पर्वत पर 5200 मीटर की ऊंचाई पर है यहां पर आदिशक्ति स्वरूप महालक्ष्मी ,महाकाली ,महा सरस्वती पिंडी रूप है। वेद पुराणों के हिसाब से यह मंदिर 108 शक्तिपीठ में भी शामिल है और यहां लाखों लोग हर साल दर्शन के लिए आते हैं और जो भक्त सच्चे मन से माता के दरबार में आता है उनकी मनोकामना माता अवश्य पूरी करती है।
आरएफआईडी कार्ड कैसे बनाये (RFID Card)
माता वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान आपको सबसे पहले अपनी आरएफआईडी कार्ड बनवानी होती है आरएफआईडी कार्ड चाहे तो आप कटरा रेलवे स्टेशन के पास बनवा सकते हैं या कटरा चौक के पास बनवा सकते हैं आपकोसबसे पहले कटरा रेलवे स्टेशन आना होगा और फिर उसके बाद आप आरएफआईडी कार्ड बनवा सकते हैं आरएफआईडी कार्ड बनवाने के लिए आपको वोटर कार्ड ,आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत पड़ती है और यह कार्ड आप काउंटर पर जाकर खुद से बनवा सकते हैं इसके लिए आपको कोई भी पैसा नहीं लिया जाएगा। आप कार्ड जरूर बनवा ले क्योंकि जब आप माता वैष्णो देवी की यात्रा करेंगे उसके दौरान कहीं-कहीं चेक पोस्ट पर इसकी चेकिंग की जाती है यात्रा के दौरान आपको इससे अच्छे से संभल के रखना बहुत जरूरी है।
माता वैष्णो देवी की यात्रा कैसे करे
माता वैष्णो देवी की यात्रा आप चाहे तो पैदल या चाहे तो घोड़े या पिट्ठू या पालकी हेलीकॉप्टर या से कर सकते हैं आपके हिसाब से जो सबसे अच्छा होगा उससे आप माता वैष्णो देवी की यात्रा कर सकते हैंतो चलिए स्टार्ट करते हैं माता वैष्णो देवी की यात्रा। आपकी यात्रा कटरा रेलवे स्टेशन से स्टार्ट हो जाती है माता वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान आप पहले 13 किलोमीटर की ऊंची पर्वत पर चढ़ते हैं और फिर वहां परस्नान करके मंदिर में पूजा करने के लिए जाते हैं
माता वैष्णो देवी की यात्रा आप दो रास्ते से कर सकते हैं पहले मार्ग हो गया बानगंगा मार्ग और दूसरा मार्ग हो गया ताराकोर्ट। बानगंगा मार्ग में आपको घोड़े पिट्ठू और पालकीकी सुविधा मिल जाती है जो आपके हिसाब से अच्छा होगा उससे आप माता वैष्णो देवी के मंदिर जा सकते हैं और इस रास्ते के दौरान आपको बहुत सारे होटल मिल जाते हैं और दूसरा मार्ग ताराकोट मार्ग है यह मार्ग नया नया बनाया गया है इसमें आपको बस पैदल यात्रा करनी होती है यहां पर ना तो घोड़े पिट्ठू और पालकी होती है बस जो लोग पैदल यात्रा करते हैं बस वही लोग इस रास्ते पर जाते हैं इस रास्ते पर आपको ज्यादा सुविधा नहीं मिलेगी
भैरव मंदिर कैसे जाये
माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद आपको भैरव मंदिर जाना बहुत आवश्यक है मान्यता है की माता वैष्णो देवी दर्शन करने के बाद आप जब भैरव मंदिर का दर्शन करते हैं तभी आपको पूजा का फल मिलता है यहां माता वैष्णो देवी मंदिर से दूरी मात्र 3 किलोमीटर की है आप यहां जरूर जाये।
माता वैष्णो देवी मंदिर से भैरव मंदिर जाने के लिए आज दो तरीका है पहले पैदल मार्ग और दूसरा रूपवे